प्रतिरोध, धारिता, और प्रेरकत्व विद्युत और इलेक्ट्रिकल / इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के मूलभूत सिद्धांत हैं। इनका विवरण नीचे दिया गया है:
1. प्रतिरोध (Resistance, R):
परिभाषा: प्रतिरोध एक परिपथ में विद्युत धारा के प्रवाह का विरोध है। यह निर्धारित करता है कि किसी दिए गए वोल्टेज पर कितनी धारा बहेगी।
- माप इकाई: ओम (Ω)
- सूत्र:
ओम का नियम:
,
जहाँ = वोल्टेज, = धारा, = प्रतिरोध।
मुख्य विशेषताएँ:
- प्रतिरोध प्रतिरोधक (resistor), चालक, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में पाया जाता है।
- प्रतिरोध को प्रभावित करने वाले कारक:
- सामग्री: जैसे तांबा (Copper) का प्रतिरोध कम होता है जबकि नाइक्रोम (Nichrome) का अधिक।
- लंबाई: प्रतिरोध लंबाई () के अनुपात में बढ़ता है।
- क्रॉस-सेक्शनल एरिया: प्रतिरोध क्षेत्रफल () के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
- तापमान: अधिकांश सामग्रियों में तापमान बढ़ने से प्रतिरोध बढ़ता है।
अनुप्रयोग:
- विद्युत धारा को नियंत्रित करना, वोल्टेज का विभाजन, और परिपथ में शक्ति का अपव्यय।
2. धारिता (Capacitance, C):
परिभाषा: धारिता किसी घटक (कैपेसिटर) की विद्युत ऊर्जा को विद्युत क्षेत्र के रूप में संग्रहित और रिलीज करने की क्षमता है।
- माप इकाई: फैराड (F)
- सूत्र:
,
जहाँ = आवेश, = वोल्टेज।
मुख्य विशेषताएँ:
- कैपेसिटर दो चालक प्लेटों के बीच एक इन्सुलेटर (डाइलेक्ट्रिक) सामग्री के साथ विद्युत चार्ज को संग्रहित करते हैं।
- धारिता को प्रभावित करने वाले कारक:
- प्लेट का क्षेत्रफल (): प्लेट का क्षेत्रफल बढ़ने से धारिता बढ़ती है।
- प्लेटों के बीच की दूरी (): दूरी बढ़ने से धारिता घटती है।
- डाइलेक्ट्रिक सामग्री (सापेक्ष पारगम्यता )।
अनुप्रयोग:
- ऊर्जा भंडारण, फिल्टरिंग, टाइमिंग सर्किट, संकेतों का युग्मन और विच्छेदन, तथा पावर फैक्टर सुधार।
3. प्रेरकत्व (Inductance, L):
परिभाषा: प्रेरकत्व किसी चालक (आमतौर पर कुंडली) की वह विशेषता है, जो उसमें से प्रवाहित धारा के परिवर्तन का विरोध करती है और एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करती है।
- माप इकाई: हेनरी (H)
- सूत्र:
,
जहाँ = प्रेरित वोल्टेज, = प्रेरकत्व, = धारा परिवर्तन की दर।
मुख्य विशेषताएँ:
- प्रेरक चुंबकीय क्षेत्र में ऊर्जा को संग्रहित करते हैं जब इनमें से धारा प्रवाहित होती है।
- प्रेरकत्व को प्रभावित करने वाले कारक:
- कुंडली के चक्कर (): चक्कर बढ़ने से प्रेरकत्व बढ़ता है।
- कोर सामग्री (चुंबकीय पारगम्यता )।
- कुंडली का क्षेत्रफल ()।
- कुंडली की लंबाई ()।
अनुप्रयोग:
- फिल्टरिंग, ऊर्जा भंडारण, ट्रांसफॉर्मर, और विद्युत चुंबकीय उपकरण।

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