AC मोटर (AC Motor) के प्रकार मुख्य रूप से दो प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किए जा सकते हैं:
1. सिंक्रोनस मोटर (Synchronous Motor)
- यह मोटर एक निश्चित गति (सिंक्रोनस स्पीड) पर काम करती है।
- इसका उपयोग ऐसे स्थानों पर किया जाता है, जहां गति नियंत्रण और स्थिरता की आवश्यकता होती है।
- उदाहरण: जनरेटर, पंप, और उच्च सटीकता वाले उपकरण।
2. असिंक्रोनस मोटर (Asynchronous Motor) या इंडक्शन मोटर (Induction Motor)
- यह मोटर सिंक्रोनस गति से कम गति पर काम करती है।
- इसे दो प्रकारों में विभाजित किया जाता है:
- सिंगल-फेज इंडक्शन मोटर (Single-Phase Induction Motor):
- छोटे घरेलू उपकरणों जैसे पंखा, मिक्सर में उपयोग होता है।
- थ्री-फेज इंडक्शन मोटर (Three-Phase Induction Motor):
- इसका उपयोग बड़े औद्योगिक उपकरणों और भारी मशीनरी में किया जाता है।
- सिंगल-फेज इंडक्शन मोटर (Single-Phase Induction Motor):
इन दोनों मोटरों का उपयोग उनकी आवश्यकता और कार्यक्षमता के आधार पर किया जाता है।
AC मोटर के मुख्य भाग निम्नलिखित हैं:
1. स्टेटर (Stator)
- यह मोटर का स्थिर (अचल) भाग होता है।
- इसमें कोर और वाइंडिंग्स (कुंडलियां) होती हैं।
- AC करंट स्टेटर वाइंडिंग्स में प्रवाहित होता है, जो एक घूर्णन चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है।
2. रोटर (Rotor)
- यह मोटर का घूमने वाला भाग है।
- रोटर दो प्रकार का हो सकता है:
- स्लिप रिंग रोटर (Slip Ring Rotor)
- स्क्विरल केज रोटर (Squirrel Cage Rotor)
- रोटर चुंबकीय क्षेत्र के साथ परस्पर क्रिया करके गति उत्पन्न करता है।
3. एयर गैप (Air Gap)
- स्टेटर और रोटर के बीच का खाली स्थान।
- यह चुंबकीय क्षेत्र के प्रभावी संचरण के लिए महत्वपूर्ण है।
4. बियरिंग्स (Bearings)
- रोटर को सहारा देने और इसे सुचारू रूप से घुमाने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
5. शाफ्ट (Shaft)
- रोटर से जुड़ा होता है और यांत्रिक ऊर्जा को बाहरी लोड तक पहुंचाने का कार्य करता है।
6. फ्रेम (Frame)
- मोटर के सभी घटकों को पकड़ने और संरक्षित करने के लिए बाहरी आवरण का कार्य करता है।
7. फैन (Fan)
- मोटर के संचालन के दौरान इसे ठंडा रखने के लिए उपयोग किया जाता है।
8. टर्मिनल बॉक्स (Terminal Box)
- यह विद्युत आपूर्ति को मोटर से जोड़ने के लिए उपयोग किया जाता है।
ये सभी भाग मिलकर AC मोटर को सुचारू रूप से कार्य करने में सहायता करते हैं।
AC मोटर के उपयोग के कुछ प्रमुख लाभ (Advantages) निम्नलिखित हैं:
1. सरल निर्माण (Simple Construction)
- AC मोटर का डिज़ाइन सरल होता है, जिससे यह कम रखरखाव (maintenance) की आवश्यकता वाली मशीन बन जाती है।
2. कम लागत (Low Cost)
- AC मोटर की उत्पादन लागत कम होती है और यह अन्य मोटरों की तुलना में किफायती होती है।
3. ऊर्जा दक्षता (Energy Efficiency)
- यह मोटर उच्च दक्षता के साथ काम करती है, जिससे बिजली की खपत कम होती है।
4. मजबूती और स्थायित्व (Durability and Reliability)
- AC मोटर लंबे समय तक चलती है और कठोर परिस्थितियों में भी प्रभावी ढंग से काम कर सकती है।
5. सरल रखरखाव (Easy Maintenance)
- इसके भाग कम जटिल होते हैं, जिससे इसे बनाए रखना और मरम्मत करना आसान होता है।
6. विभिन्न गति (Variable Speeds)
- AC मोटर की गति को फ्रीक्वेंसी ड्राइव (VFD) की मदद से आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।
7. शांत संचालन (Quiet Operation)
- यह मोटर बिना अधिक शोर किए काम करती है, जो कई अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त है।
8. लचीलापन (Flexibility)
- इसे विभिन्न उद्योगों और घरेलू उपकरणों में इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे पंखा, कंप्रेसर, पंप, और औद्योगिक मशीनरी।
9. उपलब्धता (Availability)
- AC मोटर आसानी से बाजार में उपलब्ध है और इसके पुर्जों को भी आसानी से बदला जा सकता है।
10. ऊर्जा स्रोत का अनुकूलन (Adaptability to Power Sources)
- यह सीधे AC पावर सप्लाई से संचालित होती है, जो दुनिया में सबसे सामान्य पावर स्रोत है।
इन फायदों के कारण, AC मोटर विभिन्न औद्योगिक और घरेलू अनुप्रयोगों में व्यापक रूप से उपयोग की जाती है।
AC मोटर के कुछ प्रमुख नुकसान (Disadvantages) निम्नलिखित हैं:
1. गति नियंत्रण में कठिनाई (Difficulty in Speed Control)
- AC मोटर की गति को नियंत्रित करना DC मोटर की तुलना में अधिक जटिल और महंगा होता है।
2. स्टार्टिंग टॉर्क कम (Low Starting Torque)
- AC मोटर का प्रारंभिक टॉर्क (Starting Torque) आमतौर पर कम होता है, जिससे भारी लोड के साथ इसे चालू करना मुश्किल हो सकता है।
3. फ्रीक्वेंसी पर निर्भरता (Dependency on Frequency)
- इसकी गति फ्रीक्वेंसी पर निर्भर करती है, जिससे फ्रीक्वेंसी में बदलाव होने पर प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है।
4. ज्यादा गर्मी का उत्पादन (Heat Generation)
- लगातार उपयोग के दौरान AC मोटर अधिक गर्मी उत्पन्न करती है, जिससे इसकी दक्षता कम हो सकती है।
5. कॉम्प्लेक्स कंट्रोल सिस्टम (Complex Control System)
- गति और दिशा को नियंत्रित करने के लिए जटिल नियंत्रण उपकरणों (जैसे VFD) की आवश्यकता होती है।
6. पावर फैक्टर की समस्या (Power Factor Issues)
- AC मोटर का पावर फैक्टर कभी-कभी खराब होता है, विशेषकर हल्के लोड पर, जिससे ऊर्जा की खपत बढ़ सकती है।
7. प्रारंभ में अधिक करंट (High Starting Current)
- AC मोटर स्टार्ट होते समय बहुत अधिक करंट खींचती है, जिससे बिजली की आपूर्ति पर प्रभाव पड़ सकता है।
8. पोर्टेबल नहीं (Non-portable)
- यह मोटर आमतौर पर भारी होती है और इसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना मुश्किल हो सकता है।
9. जटिल मरम्मत (Complex Repairs)
- इसकी मरम्मत और रखरखाव में विशेष उपकरण और विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है।
10. हर्मोनिक डिस्टॉर्शन (Harmonic Distortion)
- AC मोटर हर्मोनिक डिस्टॉर्शन पैदा कर सकती है, जिससे पावर क्वालिटी प्रभावित होती है।
इन कमियों के बावजूद, AC मोटर का व्यापक उपयोग इसकी सरलता, विश्वसनीयता, और कम लागत के कारण होता है।

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