Free Tests Tab On Home🏠 फ्री टेस्ट देने के लिए 🏠 बटन पर टच करें !

पावर फैक्टर और इसका महत्व (Power Factor and Its Importance)

पावर फैक्टर (Power Factor) किसी भी इलेक्ट्रिकल सिस्टम की दक्षता (Efficiency) को मापने का एक पैमाना है।
यह उस विद्युत ऊर्जा का अनुपात (ratio) है, जिसे उपयोगी कार्य (useful work) में परिवर्तित किया जाता है।


पावर फैक्टर सुधार क्यों जरूरी है?

1. ऊर्जा दक्षता (Energy Efficiency):
कम पावर फैक्टर का मतलब है कि सिस्टम ज्यादा एपरेंट पावर खींच रहा है, जो कि ऊर्जा की बर्बादी को दर्शाता है। सुधार करने से दक्षता बढ़ती है।

2. ट्रांसमिशन लाइन पर लोड घटाना:
लो पावर फैक्टर की वजह से लाइन में ज्यादा करंट फ्लो करता है, जिससे ट्रांसमिशन सिस्टम पर लोड बढ़ता है। इसे सुधारने से लाइन की क्षमता बढ़ाई जा सकती है।

3. बिजली बिल में कमी:
कम पावर फैक्टर पर बिजली कंपनियां पेनल्टी लगाती हैं। इसे सुधारने से ये अतिरिक्त शुल्क बच सकते हैं।

4. उपकरणों की लंबी उम्र:
लो पावर फैक्टर से मोटर और ट्रांसफॉर्मर पर अतिरिक्त गर्मी उत्पन्न होती है, जिससे उपकरण जल्दी खराब हो सकते हैं।

5. ग्रिड स्टेबिलिटी:
सुधार से ग्रिड स्थिर (stable) रहता है और ब्लैकआउट का खतरा कम होता है।


इंडक्टिव और कैपेसिटिव लोड्स में पावर फैक्टर का प्रभाव

  1. इंडक्टिव लोड (Inductive Load):
    • जैसे मोटर, ट्रांसफॉर्मर, और इंडक्टर्स।
    • ये लोड पावर फैक्टर को Lagging बनाते हैं, यानी करंट, वोल्टेज से पीछे चलता है।
    • इससे पावर फैक्टर घटता है।
    समस्या:
    • हाई करंट ड्रॉ।
    • अतिरिक्त गर्मी और ऊर्जा की बर्बादी।
    • अधिक पावर सप्लाई की आवश्यकता।
  2. कैपेसिटिव लोड (Capacitive Load):
    • जैसे कैपेसिटर बैंक और कैपेसिटिव सर्किट।
    • ये लोड पावर फैक्टर को Leading बनाते हैं, यानी करंट, वोल्टेज से आगे चलता है।
    • इन्हें इंडक्टिव लोड के प्रभाव को संतुलित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
    फायदा:
    • पावर फैक्टर सुधार में मदद।
    • एपरेंट पावर को रियल पावर के करीब लाना।

पावर फैक्टर सुधार कैसे करें?

  1. कैपेसिटर बैंक का उपयोग:
    • कैपेसिटर, इंडक्टिव लोड के Lagging Power Factor को संतुलित करता है।
  2. पावर फैक्टर करेक्शन डिवाइस:
    • जैसे ऑटोमैटिक पावर फैक्टर कंट्रोलर (APFC)।
  3. लोड बैलेंसिंग:
    • लोड को समान रूप से वितरित करना।
  4. अनुकूल उपकरण का चयन:
    • हाई एफिशिएंसी वाले उपकरणों का उपयोग करें।

अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई हो, तो कमेंट करें और शेयर करें, और ऐसे ही ज्ञानवर्धक पोस्ट पढने और विडियो देखने के लिए हमारे youtube चैनल को सब्सक्राइब करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *