हर्मोनिक्स (Harmonics) क्या होते हैं?
हर्मोनिक्स विद्युत प्रणाली में उत्पन्न होने वाली वह अनचाही विद्युत तरंगें (Distorted Waveforms) होती हैं, जो मूल साइनसॉइडल तरंगों से भिन्न होती हैं। ये उच्च आवृत्तियों वाली तरंगें होती हैं, जो मुख्य आधार आवृत्ति (Fundamental Frequency, जैसे 50 Hz या 60 Hz) के गुणक (Multiples) होती हैं।
मुख्य अवधारणा:
- आधार आवृत्ति (Fundamental Frequency): यह सिस्टम की प्राथमिक आवृत्ति होती है। (जैसे भारत में 50 Hz)
- हर्मोनिक्स: मुख्य आवृत्ति का गुणक, जैसे:
- 2nd Harmonic: 100 Hz
- 3rd Harmonic: 150 Hz
- 5th Harmonic: 250 Hz
हर्मोनिक्स क्यों उत्पन्न होते हैं?
- गैर-रैखिक लोड (Non-Linear Loads):
- ऐसे उपकरण जो वोल्टेज और करंट के बीच संबंध को असमान बनाते हैं।
- जैसे: वेरिएबल फ्रीक्वेंसी ड्राइव्स (VFDs), कंप्यूटर, एलईडी लाइट्स, एसएमपीएस, और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण।
- अनियमित आपूर्ति:
- विद्युत ग्रिड में दोष।
- असंतुलित फेज लोड।
- सामग्री का दोषपूर्ण डिज़ाइन:
- खराब गुणवत्ता वाले ट्रांसफॉर्मर, मोटर्स, या केबल।
हर्मोनिक्स का सिस्टम पर प्रभाव
1. उपकरण पर असर:
- अतिरिक्त गर्मी: उपकरणों में अधिक गर्मी उत्पन्न होती है, जिससे जीवनकाल कम होता है।
- इन्सुलेशन का खराब होना: ट्रांसफॉर्मर और मोटर के इन्सुलेशन पर असर पड़ता है।
- कुशलता में कमी: मोटर्स और जनरेटर की कार्यक्षमता घटती है।
2. पावर क्वालिटी:
- डिस्ट्रॉर्टेड वेवफॉर्म: वोल्टेज और करंट वेवफॉर्म असामान्य हो जाते हैं।
- पावर फैक्टर में गिरावट: प्रणाली का पावर फैक्टर खराब हो जाता है, जिससे ऊर्जा हानि होती है।
3. विद्युत ग्रिड पर असर:
- सर्किट ब्रेकर्स और फ्यूज का ट्रिप होना: ग्रिड में फॉल्ट की संभावना बढ़ जाती है।
- वोल्टेज फ्लक्चुएशन: वोल्टेज में उतार-चढ़ाव होता है।
4. वित्तीय नुकसान:
- बिजली के बिल में वृद्धि: ऊर्जा की अधिक खपत।
- रखरखाव लागत: उपकरणों की बार-बार मरम्मत या प्रतिस्थापन।
हर्मोनिक्स को कैसे कम किया जा सकता है?
1. सक्रिय उपाय (Active Mitigation):
- अक्टिव पावर फिल्टर्स (APFs):
हर्मोनिक्स को पहचानकर उन्हें खत्म करने के लिए डिज़ाइन किए गए। - वेरिएबल फ्रीक्वेंसी ड्राइव्स (VFDs):
आधुनिक VFDs हर्मोनिक्स को कम करने में सक्षम होते हैं। - पावर कंडीशनर्स:
वोल्टेज और करंट को स्थिर रखने के लिए।
2. निष्क्रिय उपाय (Passive Mitigation):
- पैसिव फिल्टर्स:
- L-C (Inductor-Capacitor) सर्किट का उपयोग करके।
- विशिष्ट हर्मोनिक आवृत्ति को खत्म करते हैं।
- हर्मोनिक ट्रैप्स:
हर्मोनिक तरंगों को अवशोषित करते हैं।
3. डिज़ाइन सुधार:
- उच्च गुणवत्ता वाले उपकरण:
ट्रांसफॉर्मर और मोटर्स में हर्मोनिक्स को सहने की क्षमता होनी चाहिए। - अनुकूल पावर ग्रिड डिज़ाइन:
सिस्टम को संतुलित और कुशल तरीके से डिजाइन करना।
4. सॉफ्टवेयर आधारित समाधान:
- हर्मोनिक विश्लेषण और मॉनिटरिंग टूल का उपयोग।
- ऊर्जा की गुणवत्ता में सुधार के लिए वास्तविक समय मॉनिटरिंग।
5. पावर फैक्टर सुधार:
- कैपेसिटर बैंक का उपयोग।
- लोड बैलेंसिंग के लिए स्वचालित पावर फैक्टर कंट्रोलर।
6. लोड प्रबंधन:
- गैर-रैखिक लोड्स को नियंत्रित करना।
- समयबद्ध तरीके से भारी लोड का उपयोग।
हर्मोनिक्स बिजली प्रणाली की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं और उपकरणों के प्रदर्शन को कम करते हैं। इसे कम करने के लिए सक्रिय और निष्क्रिय फिल्टर्स, डिज़ाइन सुधार, और मॉनिटरिंग तकनीकों का उपयोग करना आवश्यक है। सही उपायों को अपनाकर न केवल बिजली की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है, बल्कि ऊर्जा हानि और उपकरण की क्षति को भी रोका जा सकता है।
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