स्टार (Star) और डेल्टा (Delta) कनेक्शन
स्टार कनेक्शन और डेल्टा कनेक्शन तीन-फेज़ (3-phase) विद्युत प्रणालियों में उपयोग किए जाते हैं। ये दोनों कनेक्शन प्रणाली में अंतर होते हैं और दोनों के अलग-अलग फायदे और उपयोग होते हैं।
1. स्टार (Star) कनेक्शन
परिभाषा:
स्टार कनेक्शन में, तीन फेज़ वाइर्स के एक बिंदु (केंद्र) पर मिलकर एक सामान्य (न्यूट्रल) बिंदु बनाते हैं। यह कनेक्शन एक त्रिकोण के आकार जैसा दिखता है, जहां वाइरें बाहरी सिरे पर कनेक्ट होती हैं और केंद्र में न्यूट्रल प्वाइंट होता है।
कनेक्शन का तरीका:
- तीन वाइरें (R, Y, B) को एक सामान्य बिंदु (न्यूट्रल) से जोड़ते हैं।
- इस प्रणाली में, प्रत्येक फेज़ और न्यूट्रल के बीच वोल्टेज होता है, जो कि 230V के आसपास होता है (भारतीय विद्युत प्रणाली में)।
- फेज़-फेज़ वोल्टेज लगभग 400V होता है।
फायदे:
- कम वोल्टेज का उपयोग: स्टार कनेक्शन में फेज़-न्यूट्रल वोल्टेज कम होता है, जो सामान्य घरों और छोटे उपकरणों के लिए उपयुक्त होता है।
- सुरक्षा: न्यूट्रल बिंदु होता है, जिससे बेहतर सुरक्षा मिलती है।
- लो वोल्टेज ट्रांसमिशन: यह लंबी दूरी तक कम वोल्टेज में विद्युत शक्ति भेजने के लिए उपयुक्त होता है।
उपयोग:
- घरेलू उपकरणों: जैसे, पंखे, लाइट, एयर कंडीशनर आदि में उपयोग।
- सामान्य ट्रांसमिशन और वितरण में भी इसका उपयोग होता है, खासकर लंबी दूरी पर विद्युत ट्रांसमिशन के लिए।
2. डेल्टा (Delta) कनेक्शन
परिभाषा:
डेल्टा कनेक्शन में, तीन वाइरें एक त्रिकोण (Δ) के रूप में जुड़ी होती हैं। प्रत्येक वाइरें एक दूसरे से जुड़ी होती हैं, और प्रत्येक वाइरें के बीच वोल्टेज होता है। इसमें न्यूट्रल प्वाइंट नहीं होता।
कनेक्शन का तरीका:
- तीन फेज़ को एक-दूसरे से जोड़कर एक त्रिकोण का आकार बनाया जाता है।
- इस प्रणाली में, प्रत्येक फेज़ के बीच वोल्टेज उच्च होता है (400V के आसपास), जबकि फेज़-न्यूट्रल वोल्टेज शून्य होता है।
फायदे:
- उच्च वोल्टेज और शक्ति: डेल्टा कनेक्शन में फेज़-फेज़ वोल्टेज अधिक होता है, जो उच्च शक्ति वाली मशीनों और मोटर्स के लिए उपयुक्त है।
- न्यूट्रल की आवश्यकता नहीं: इसमें न्यूट्रल प्वाइंट नहीं होता, जिससे सरल कनेक्शन और बिना किसी न्यूट्रल वायर के संचालन होता है।
- मोटर्स के लिए उपयुक्त: उच्च वोल्टेज मोटर्स के लिए उपयोगी है, जो बड़े उपकरणों में इस्तेमाल होते हैं।
उपयोग:
- औद्योगिक उपकरणों: जैसे, मोटर, जनरेटर, और बड़े उपकरण।
- पावर ट्रांसमिशन: उच्च वोल्टेज के पावर ट्रांसमिशन के लिए डेल्टा कनेक्शन का उपयोग किया जाता है।
3. स्टार और डेल्टा कनेक्शन के फायदे की तुलना
दृष्टिकोण | स्टार कनेक्शन | डेल्टा कनेक्शन |
---|---|---|
वोल्टेज | फेज़-न्यूट्रल वोल्टेज कम (230V), फेज़-फेज़ वोल्टेज अधिक (400V) | फेज़-फेज़ वोल्टेज उच्च (400V), फेज़-न्यूट्रल वोल्टेज शून्य |
विधुत धारा (करंट) | करंट कम होता है, जिससे सुरक्षा और उपकरणों की सुरक्षा अधिक होती है। | करंट अधिक होता है, उच्च शक्ति की आवश्यकता वाले उपकरणों के लिए उपयुक्त। |
उपकरण | छोटे उपकरणों और घरेलू उपयोग के लिए उपयुक्त। | बड़े उद्योगों, मोटर्स, जनरेटर आदि के लिए उपयुक्त। |
सुरक्षा | सुरक्षा के लिए न्यूट्रल प्वाइंट होता है। | न्यूट्रल प्वाइंट नहीं होता, लेकिन वोल्टेज और करंट उच्च होते हैं। |
4. कनेक्शन का प्रयोग
- स्टार कनेक्शन: घरों में छोटे उपकरणों, कम वोल्टेज वाले ट्रांसमिशन और वितरण में।
- डेल्टा कनेक्शन: औद्योगिक सेटिंग्स, उच्च वोल्टेज ट्रांसमिशन और मोटर्स, जनरेटर में।
- स्टार कनेक्शन घरों और छोटे उपकरणों के लिए अधिक उपयुक्त है क्योंकि यह कम वोल्टेज पर कार्य करता है और सुरक्षा प्रदान करता है।
- डेल्टा कनेक्शन औद्योगिक उपकरणों और उच्च शक्ति की आवश्यकता वाले उपकरणों के लिए उपयुक्त है, क्योंकि इसमें उच्च वोल्टेज और शक्ति प्रदान की जाती है।
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