DC मोटर (Direct Current Motor) एक ऐसी विद्युत मशीन है जो डायरेक्ट करंट (DC) को यांत्रिक ऊर्जा (Mechanical Energy) में बदलती है। इसका उपयोग कई उपकरणों और मशीनों में किया जाता है, जैसे पंखे, खिलौने, इलेक्ट्रिक गाड़ियां, और इंडस्ट्रियल मशीनें।
DC मोटर के मुख्य भाग:
- आर्मेचर (Armature):
यह कॉपर वायर का एक कुंडल (coil) होता है, जो चुंबकीय क्षेत्र में घूमता है और टॉर्क उत्पन्न करता है। - मैग्नेटिक फील्ड (Field Winding या Magnet):
चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करने के लिए यह भाग जिम्मेदार होता है। यह या तो इलेक्ट्रोमैग्नेट हो सकता है या स्थायी चुंबक (Permanent Magnet)। - कम्यूटेटर (Commutator):
करंट के प्रवाह की दिशा बदलने का काम करता है, ताकि आर्मेचर लगातार एक ही दिशा में घूमता रहे। - ब्रश (Brushes):
ये कार्बन या धातु के छोटे हिस्से होते हैं, जो कम्यूटेटर के साथ संपर्क में रहते हैं और विद्युत करंट को आर्मेचर तक पहुंचाते हैं। - शाफ्ट (Shaft):
यह घूर्णन बल (rotational force) को बाहरी यांत्रिक ऊर्जा के रूप में उपयोग करने के लिए बाहर निकालता है।
DC मोटर के प्रकार
- शंट मोटर (Shunt Motor):
इसमें फील्ड वाइंडिंग और आर्मेचर वाइंडिंग को समानांतर (Parallel) में जोड़ा जाता है। - सीरीज़ मोटर (Series Motor):
इसमें फील्ड वाइंडिंग और आर्मेचर वाइंडिंग को सीरीज़ में जोड़ा जाता है। - कंपाउंड मोटर (Compound Motor):
यह शंट और सीरीज़ मोटर का मिश्रण होती है। - स्थायी चुंबक DC मोटर (PMDC Motor):
इसमें चुंबकीय क्षेत्र के लिए स्थायी चुंबक का उपयोग किया जाता है।
DC मोटर के फायदे:
- सरल संरचना (Simple Design) और निर्माण।
- गति (Speed) को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।
- उच्च प्रारंभिक टॉर्क (High Starting Torque)।
DC मोटर के नुकसान:
- ब्रश और कम्यूटेटर के कारण नियमित रखरखाव (Maintenance) की आवश्यकता।
- AC मोटर की तुलना में थोड़ी कम दक्षता (Efficiency)।
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