Free Tests Tab On Home🏠 फ्री टेस्ट देने के लिए 🏠 बटन पर टच करें !

AC सर्किट (AC Circuit) वह विद्युत सर्किट होता है जिसमें एसी (AC – Alternating Current) का उपयोग होता है। एसी एक प्रकार की विद्युत धारा है, जो समय के साथ दिशा और परिमाण दोनों बदलती रहती है। इसका उपयोग घरेलू और औद्योगिक उपकरणों में बड़े पैमाने पर किया जाता है।

AC सर्किट के मुख्य घटक:

  1. वोल्टेज स्रोत: जैसे जनरेटर या एसी आपूर्ति।
  2. प्रतिरोध (Resistor): यह धारा के प्रवाह का विरोध करता है।
  3. आवेशक (Capacitor): यह ऊर्जा को विद्युत क्षेत्र में संग्रहीत करता है।
  4. अधिष्ठापक (Inductor): यह ऊर्जा को चुंबकीय क्षेत्र में संग्रहीत करता है।

AC सर्किट के प्रकार:

  1. सीरीज़ सर्किट (Series Circuit): सभी घटक एक पंक्ति में जुड़े होते हैं।
  2. पैरेलल सर्किट (Parallel Circuit): सभी घटक समानांतर जुड़े होते हैं।

धारा और वोल्टेज के बीच एक फेज़ अंतर हो सकता है।

यह अधिक ऊर्जा कुशल और लम्बी दूरी तक ऊर्जा के ट्रांसमिशन के लिए उपयुक्त है।

AC सर्किट का उपयोग घरेलू उपकरणों (जैसे पंखे, लाइट, फ्रिज) और औद्योगिक मशीनों में किया जाता है।

AC थ्योरी के मुख्य बिंदु:

  1. प्रत्यावर्ती धारा (Alternating Current)
    यह वह धारा है जो समय-समय पर अपनी दिशा बदलती रहती है। इसका उपयोग मुख्य रूप से घरेलू और औद्योगिक विद्युत आपूर्ति में किया जाता है।
  2. आवृत्ति (Frequency)
    प्रत्यावर्ती धारा की दिशा-परिवर्तन की दर को आवृत्ति कहते हैं। इसे हर्ट्ज़ (Hz) में मापा जाता है। भारत में AC की आवृत्ति 50 Hz होती है।
  3. साइन वेव (Sine Wave)
    AC में धारा और वोल्टेज का ग्राफ़ आमतौर पर साइन वेव के रूप में होता है, जो एक क्रमबद्ध चक्र को दर्शाता है।
  4. आवर्तकाल (Time Period)
    साइन वेव को पूरा होने में जितना समय लगता है, उसे आवर्तकाल कहते हैं।
    T = 1/f
    जहाँ T = आवर्तकाल, और f = आवृत्ति।
  5. फेज़ (Phase)
    फेज़ साइन वेव के किसी बिंदु की स्थिति को दर्शाता है। दो AC स्रोतों के बीच फेज़ अंतर भी हो सकता है।
  6. RMS वोल्टेज और करंट
    वास्तविक कार्य करने वाली वोल्टेज और करंट की प्रभावी मान को रूट मीन स्क्वायर (RMS) कहा जाता है।
    VRMS = Vpeak / √2
  7. प्रतिरोध, प्रेरकत्व और संधारित्र (Resistance, Inductance, Capacitance)
    AC में ये तीन तत्व सर्किट में अलग-अलग प्रभाव डालते हैं।

प्रतिरोध (R): धारा के प्रवाह को रोकता है।

प्रेरकत्व (L): चुम्बकीय क्षेत्र में ऊर्जा संग्रहीत करता है।

संधारित्र (C): विद्युत क्षेत्र में ऊर्जा संग्रहीत करता है।

  1. इम्पीडेंस (Impedance)
    AC सर्किट में प्रतिरोध और प्रतिक्रियाशीलता (reactance) का संयुक्त प्रभाव इम्पीडेंस कहलाता है।
    Z = √(R² + X²)

AC थ्योरी के उपयोग:

  1. घरेलू विद्युत आपूर्ति (Electric Supply)
  2. मोटर और जनरेटर (Motors and Generators)
  3. ट्रांसफॉर्मर और पावर ट्रांसमिशन
  4. रेडियो और टेलीविजन सिग्नल

AC थ्योरी विद्युत अभियंत्रण और भौतिकी में एक महत्वपूर्ण विषय है जो आधुनिक विद्युत प्रणालियों की नींव रखती है।

प्रत्यावर्ती धारा (AC) थ्योरी के अन्य महत्वपूर्ण पहलू:

  1. AC और DC का अंतर

AC (Alternating Current):

दिशा और परिमाण समय के साथ बदलते रहते हैं।

लंबी दूरी पर आसानी से स्थानांतरित किया जा सकता है।

वोल्टेज को ट्रांसफॉर्मर की मदद से बढ़ाया या घटाया जा सकता है।

DC (Direct Current):

एक ही दिशा में प्रवाहित होता है।

बैटरी और सौर पैनल जैसे स्रोतों में पाया जाता है।


  1. AC के प्रकार

साइनसॉइडल AC (Sinusoidal AC): सबसे सामान्य प्रकार, जिसका ग्राफ साइन वेव जैसा होता है।

त्रिभुज AC (Triangular AC): जिसका ग्राफ त्रिभुज के आकार का होता है।

आयताकार AC (Rectangular AC): जिसका ग्राफ आयताकार होता है।


  1. प्रतिक्रियाशीलता (Reactance)

प्रेरक प्रतिक्रियाशीलता (Inductive Reactance):

प्रेरकत्व (Inductance) के कारण धारा का विरोध।

XL = 2πfL

संधारित्र प्रतिक्रियाशीलता (Capacitive Reactance):

संधारित्र (Capacitance) के कारण धारा का विरोध।

XC = 1 / (2πfC)


  1. पावर फैक्टर (Power Factor)

पावर फैक्टर सर्किट में वास्तविक शक्ति (Real Power) और प्रकट शक्ति (Apparent Power) के अनुपात को दर्शाता है।

Power Factor (PF) = Cos(ϕ)

जहाँ ϕ = वोल्टेज और धारा के बीच का कोण।

पावर फैक्टर 0 और 1 के बीच होता है। 1 का मतलब सर्किट पूरी तरह से कुशल है।


  1. AC पावर के प्रकार

सक्रिय शक्ति (Active Power, P):

यह शक्ति वास्तविक काम करने में उपयोग होती है।

इकाई: वॉट (W)।

प्रतिक्रियाशील शक्ति (Reactive Power, Q):

यह शक्ति चुंबकीय और विद्युत क्षेत्रों में संग्रहीत होती है।

इकाई: वॉल्ट-एम्पियर रिएक्टिव (VAR)।

पूर्ण शक्ति (Apparent Power, S):

सक्रिय और प्रतिक्रियाशील शक्ति का संयुक्त रूप।

इकाई: वॉल्ट-एम्पियर (VA)।


  1. तीन-फेज प्रणाली (Three-phase System)

तीन-फेज AC प्रणाली सबसे कुशल और संतुलित प्रणाली है।

इसमें तीन साइन वेव्स होती हैं, जो 120° के अंतराल पर होती हैं।

उपयोग: औद्योगिक मशीनें, बड़े पावर ट्रांसमिशन।


  1. फेज शिफ्ट (Phase Shift)

AC सर्किट में वोल्टेज और करंट के बीच समय का अंतर फेज शिफ्ट कहलाता है।

इसे कोणीय अंतर (Phase Angle) के रूप में दर्शाया जाता है।

प्रेरणीय सर्किट में वोल्टेज करंट से आगे होता है।

संधारित्र सर्किट में करंट वोल्टेज से आगे होता है।


  1. ट्रांसफॉर्मर (Transformer)

ट्रांसफॉर्मर AC वोल्टेज को बढ़ाने (Step-up) या घटाने (Step-down) के लिए उपयोग किया जाता है।

यह केवल AC में काम करता है क्योंकि यह विद्युत चुम्बकीय प्रेरण (Electromagnetic Induction) पर आधारित होता है।


  1. त्वरित और औसत मान (Instantaneous and Average Values)

तत्काल मान (Instantaneous Value):

किसी विशेष समय पर वोल्टेज या करंट का मान।

v(t) = Vm sin(ωt)

औसत मान (Average Value):

साइन वेव के आधे चक्र का औसत।

Vavg = (2/π) Vm


  1. सर्किट एनालिसिस के नियम

किरचॉफ का वोल्टेज और करंट नियम (Kirchhoff’s Voltage and Current Laws)।

मेष और नोड एनालिसिस।

जटिल संख्याओं (Complex Numbers) का उपयोग सर्किट का विश्लेषण करने में।


AC थ्योरी का ज्ञान बिजली और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में आवश्यक है, क्योंकि यह आधुनिक ऊर्जा वितरण और उपकरणों के डिजाइन के लिए आधारभूत सिद्धांत प्रदान करता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

×