“Your biggest expense and liability will be your teachers… Once a teacher develops a reputation… he will quit and start his own center.”
बहुत अच्छा सवाल 👍 आप जानना चाहते हैं कि मध्यप्रदेश (MP) में प्री–प्राइमरी स्कूल कैसे खोला जाए।
नीचे स्टेप-बाय-स्टेप गाइड हिंदी में दी गई है – पोस्ट में बताई गयी जानकारी विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त की गयी है कृपया अपने विवेक बुद्धिमत्ता का प्रयोग अपनी रिसर्च कर निवेश करे…..
🔹 1. प्रारंभिक योजना (Initial Planning)
- स्कूल का प्रकार तय करें:
- प्री–नर्सरी, नर्सरी, LKG, UKG
 
 - लोकेशन: आसानी से पहुँचा जा सके और सुरक्षित जगह हो।
 - निवेश का अनुमान: ₹3 लाख से ₹10 लाख तक ( लोकेशन और सुविधाओं पर निर्भर करेगा )।
 
🔹 2. स्थान और आधारभूत संरचना (Basic Infrastructure)
- कम से कम 1500–2000 वर्ग फीट जगह की ज़रूरत (किराए पर या खुद की जमीन)।
 - 2–3 क्लासरूम, खेल का क्षेत्र (play area), ऑफिस, और वॉशरूम।
 - बच्चों के लिए फर्नीचर (छोटे टेबल, कुर्सियाँ), खिलौने, लर्निंग मटेरियल।
 - साफ-सफाई और सुरक्षित वातावरण बहुत ज़रूरी है।
 
🔹 3. कानूनी पंजीकरण (Legal Registration)
- सोसायटी / ट्रस्ट / कंपनी पंजीकरण
- अधिकतर स्कूल एक Educational Society या Trust के अंतर्गत रजिस्टर किए जाते हैं।
 
 - शॉप एंड एस्टैब्लिशमेंट एक्ट (नगर निगम/नगर पालिका से लाइसेंस)।
 - MP शिक्षा विभाग (School Education Department, Bhopal) में मान्यता (Recognition) के लिए आवेदन। अन्य BOARD के लिए प्रक्रिया कुछ अलग होगी
- आवेदन के साथ दस्तावेज़:
- बिल्डिंग NOC
 
- अग्निशमन विभाग से NOC (Fire Safety)
 
- स्वास्थ्य विभाग से NOC
 
- स्टाफ की सूची व योग्यताएँ
 
 
 - आवेदन के साथ दस्तावेज़:
 - GST पंजीकरण (यदि फीस से वार्षिक आय 20 लाख से अधिक हो)।
 
🔹 4. स्टाफ की भर्ती (Staff Recruitment)
- टीचर्स: न्यूनतम योग्यता – 12वीं पास + NTT (Nursery Teacher Training) या D.Ed.
 - सहायक स्टाफ: आया (helper), सुरक्षा गार्ड, सफाई कर्मचारी।
 - बच्चों के साथ व्यवहारिक और जिम्मेदार लोग ही चुनें।
 
🔹 5. पाठ्यक्रम (Curriculum)
- प्ले–वे मेथड / मोंटेसरी मेथड को अपनाएँ।
 - रंग, चित्र, गाने, कहानियाँ, और गतिविधियों के माध्यम से पढ़ाई कराएँ।
 - NCERT या अन्य मान्यता प्राप्त बोर्ड की Early Childhood Education गाइडलाइन का पालन करें।
 
🔹 6. फीस स्ट्रक्चर (Fee Structure)
- छोटे शहरों में: ₹800 – ₹1,500 प्रति माह
 - बड़े शहरों में: ₹2,000 – ₹5,000 प्रति माह
 - एडमिशन फीस + यूनिफॉर्म + किताबें + गतिविधि शुल्क अलग हो सकते हैं।
 
🔹 7. प्रचार–प्रसार (Marketing & Admission)
- बैनर, होर्डिंग, सोशल मीडिया, पम्पलेट के माध्यम से प्रचार करें।
 - डेमो क्लास और ओरिएंटेशन प्रोग्राम कराएँ।
 - अभिभावकों को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का भरोसा दिलाएँ।
 
🔹 8. अनुमानित निवेश (Estimated Investment)
| मद (Item) | अनुमानित खर्च (₹) | 
| जगह (किराया/फर्निशिंग) | 1 – 2 लाख | 
| फर्नीचर व खिलौने | 1 – 1.5 लाख | 
| लाइसेंसिंग व पंजीकरण | 20,000 – 50,000 | 
| मार्केटिंग व प्रचार | 30,000 – 1 लाख | 
| स्टाफ वेतन (पहले 3 महीने) | 1 – 2 लाख | 
| कुल अनुमानित निवेश | 3 – 7 लाख | 
मध्यप्रदेश में प्री-प्राइमरी स्कूल खोलने के लिए आपको
- सोसायटी/ट्रस्ट रजिस्ट्रेशन,
 - शिक्षा विभाग से मान्यता,
 - NOC (फायर, स्वास्थ्य, बिल्डिंग)
की आवश्यकता होगी।
सही लोकेशन, प्रशिक्षित शिक्षक, और बच्चों के अनुकूल वातावरण बनाकर आप सफल प्री-प्राइमरी स्कूल चला सकते हैं। 
यहाँ आपके लिए मध्यप्रदेश में प्री–प्राइमरी स्कूल खोलने की डिटेल्ड ✅ चेकलिस्ट (To-Do List) दी गई है, जिसे आप सीधे स्टेप–बाय–स्टेप फॉलो कर सकते हैं:
🏫 प्री-प्राइमरी स्कूल खोलने की चेकलिस्ट – MP
🔹 चरण 1: प्रारंभिक तैयारी
- लोकेशन तय करें (1500–2000 sq.ft जगह, सुरक्षित और आसानी से पहुँचने वाली)।
 - बजट बनाइए (3–7 लाख न्यूनतम)।
 - स्कूल का नाम चुनें (यादगार और बच्चों से जुड़ा हुआ)।
 
🔹 चरण 2: कानूनी पंजीकरण
- सोसायटी/ट्रस्ट/कंपनी रजिस्टर करें।
 - शॉप & एस्टैब्लिशमेंट एक्ट के तहत नगर निगम/नगर पालिका से लाइसेंस लें।
 - शिक्षा विभाग (School Education Dept., MP) में मान्यता (Recognition) हेतु आवेदन करें।
 - आवश्यक NOC लें:
- बिल्डिंग NOC
 
- फायर सेफ्टी NOC
 
- हेल्थ डिपार्टमेंट NOC
 
 - GST पंजीकरण करवाएँ (यदि सालाना आय ₹20 लाख से अधिक होगी)।
 
🔹 चरण 3: आधारभूत संरचना
- 2–3 क्लासरूम तैयार करें।
 - ऑफिस/प्रिंसिपल कक्ष और रिसेप्शन एरिया बनाएं।
 - बच्चों के लिए सुरक्षित Play Area।
 - छोटे बच्चों के अनुकूल वॉशरूम।
 - CCTV और बेसिक सुरक्षा।
 - बच्चों के लिए फर्नीचर (टेबल, कुर्सियाँ, मैट, अलमारी)।
 
🔹 चरण 4: शैक्षिक सामग्री
- रंगीन चार्ट्स, पिक्चर बुक्स, स्टोरी बुक्स।
 - खिलौने, पज़ल्स, ब्लॉक्स।
 - ब्लैकबोर्ड/व्हाइटबोर्ड/स्मार्ट बोर्ड।
 - स्टेशनरी (कॉपी, पेंसिल, रंग)।
 
🔹 चरण 5: स्टाफ नियुक्ति
- NTT/D.Ed. योग्यताधारी टीचर्स।
 - आया (helper), सफाई कर्मचारी, सिक्योरिटी गार्ड।
 - सभी स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन करवाएँ।
 
🔹 चरण 6: पाठ्यक्रम (Curriculum)
- Play-way / Montessori पद्धति अपनाएँ।
 - ABC, नंबर, रंग, आकार, गाने, कहानियाँ, राइम्स शामिल करें।
 - गतिविधियाँ: डांस, आर्ट, म्यूजिक, खेल।
 
🔹 चरण 7: प्रचार-प्रसार (Marketing)
- स्कूल का लोगो और ब्रांडिंग तैयार करें।
 - बैनर, पम्पलेट, फ्लेक्स छपवाएँ।
 - फेसबुक/व्हाट्सएप/इंस्टाग्राम पर प्रचार करें।
 - Demo Class / Orientation Day आयोजित करें।
 - पहले 20–30 बच्चों के लिए Discounted Admission Offer रखें।
 
🔹 चरण 8: फीस स्ट्रक्चर
- छोटे शहरों में ₹800–₹1500/माह।
 - बड़े शहरों में ₹2000–₹5000/माह।
 - एडमिशन फीस + यूनिफॉर्म + किताबें अलग।
 
🔹 चरण 9: संचालन (Operations)
- बच्चों के लिए सुरक्षित ड्रॉप-ऑफ & पिक-अप सिस्टम।
 - दैनिक उपस्थिति रिकॉर्ड।
 - अभिभावकों से नियमित संवाद (Parents-Teacher Meet)।
 - मासिक गतिविधियाँ (फैंसी ड्रेस, फेस्टिवल सेलिब्रेशन)।
 
✅ नोट:
यदि आप धीरे-धीरे शुरुआत करना चाहते हैं तो Franchise Model (जैसे – Kidzee, Bachpan, EuroKids) भी चुन सकते हैं, लेकिन उसमें Franchise Fee लगती है।
धन्यवाद पोस्ट में दी गयी जानकारी आपके लिए सहायक हो तो कमेंट करके हमें जरुर बताये

