चुंबकीय परिपथ की विशेषताएँ (Characteristics of Magnetic Circuit in Hindi)
चुंबकीय परिपथ (Magnetic Circuit) एक बंद पथ होता है जिसमें चुंबकीय फ्लक्स (Magnetic Flux, ϕ) प्रवाहित होता है, ठीक वैसे ही जैसे विद्युत परिपथ (Electrical Circuit) में विद्युत धारा प्रवाहित होती है। चुंबकीय परिपथ मुख्य रूप से लौहचुंबकीय पदार्थों (Ferromagnetic Materials) से बना होता है, जो चुंबकीय क्षेत्र को एक निर्दिष्ट मार्ग में प्रवाहित करने में सहायता करता है।
🔹 चुंबकीय परिपथ की मुख्य विशेषताएँ (Key Characteristics of Magnetic Circuit)
1️⃣ चुंबकीय फ्लक्स (Magnetic Flux, ϕ) का प्रवाह
✔️ विद्युत धारा की तरह, चुंबकीय परिपथ में चुंबकीय फ्लक्स प्रवाहित होता है।
✔️ इसका मात्रक वेबर (Weber, Wb) होता है।
2️⃣ चुंबकीय प्रेरक बल (Magneto Motive Force – MMF, F)
✔️ यह विद्युत परिपथ के वोल्टेज (Voltage, V) के समान कार्य करता है।
✔️ MMF का सूत्र: F=N×IF = N \times I
जहाँ,
🔹 NN = कुण्डलियों की संख्या (Number of Turns)
🔹 II = धारा (Current in Ampere)
3️⃣ चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता (Magnetic Field Strength, H)
✔️ यह चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता को दर्शाता है और इसका मात्रक Ampere-turns per meter (A/m) होता है।
✔️ सूत्र: H=FlH = \frac{F}{l}
जहाँ, ll = चुंबकीय परिपथ की लंबाई (Length of Magnetic Path)
4️⃣ चुंबकीय प्रतिरोध (Magnetic Reluctance, S)
✔️ यह विद्युत परिपथ के प्रतिरोध (Resistance, R) के समान होता है।
✔️ चुंबकीय प्रतिरोध (Reluctance) चुंबकीय फ्लक्स के प्रवाह में अवरोध डालता है।
✔️ सूत्र: S=lμAS = \frac{l}{\mu A}
जहाँ,
🔹 ll = परिपथ की लंबाई (Length of Magnetic Circuit)
🔹 μ\mu = सामग्री की चुंबकीय पारगम्यता (Permeability)
🔹 AA = परिपथ का क्रॉस-सेक्शनल क्षेत्रफल (Cross-sectional Area)
5️⃣ पारगम्यता (Permeability, μ)
✔️ किसी पदार्थ की चुंबकीय क्षेत्र को प्रवाहित करने की क्षमता को पारगम्यता कहते हैं।
✔️ निर्वात (Vacuum) की पारगम्यता को μ₀ (Absolute Permeability) कहा जाता है।
✔️ किसी पदार्थ की पारगम्यता: μ=μ0×μr\mu = \mu_0 \times \mu_r
जहाँ,
🔹 μ0\mu_0 = निर्वात की पारगम्यता (4π × 10⁻⁷ H/m)
🔹 μr\mu_r = सापेक्ष पारगम्यता (Relative Permeability)
6️⃣ चुंबकीय सहिष्णुता (Magnetic Hysteresis)
✔️ जब चुंबकीय सामग्री को बार-बार चुंबकीयकरण और विमagnetization किया जाता है, तो इसमें ऊर्जा हानि होती है, जिसे हिस्टेरेसिस हानि (Hysteresis Loss) कहते हैं।
✔️ यह मुख्य रूप से ट्रांसफॉर्मर, मोटर और जनरेटर में होता है।
7️⃣ अवायवीय धाराएँ (Eddy Currents)
✔️ जब चुंबकीय क्षेत्र परिवर्तनशील होता है, तो लौहचुंबकीय पदार्थों में अवायवीय धाराएँ (Eddy Currents) उत्पन्न होती हैं, जो ऊर्जा की हानि करती हैं।
✔️ इसे कम करने के लिए पतली परतों में लेमिनेटेड कोर (Laminated Core) का उपयोग किया जाता है।
🔹 चुंबकीय परिपथ बनाम विद्युत परिपथ (Magnetic Circuit vs. Electrical Circuit)
गुण | विद्युत परिपथ | चुंबकीय परिपथ |
---|---|---|
प्रेरक बल | वोल्टेज (V) | चुंबकीय प्रेरक बल (MMF) |
प्रवाह | विद्युत धारा (I) | चुंबकीय फ्लक्स (Φ) |
प्रतिरोध | प्रतिरोध (R) | चुंबकीय प्रतिरोध (S) |
प्रवाह की इकाई | एम्पीयर (A) | वेबर (Wb) |
ऊर्जा हानि | तापीय हानि (Joule Loss) | हिस्टेरेसिस व एडी करंट हानि |
चुंबकीय परिपथ का कार्य विद्युत परिपथ के समान होता है, लेकिन इसमें चुंबकीय फ्लक्स प्रवाहित होता है। इसके मुख्य घटक हैं – चुंबकीय प्रेरक बल, चुंबकीय प्रतिरोध, पारगम्यता, और हिस्टेरेसिस। ट्रांसफॉर्मर, मोटर, और जनरेटर जैसे विद्युत उपकरणों के लिए चुंबकीय परिपथ का सही डिज़ाइन आवश्यक होता है। ✅
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